कानपुर: गांव में थी विकास दुबे की सत्ता, गलियों में पसरा सन्नाटा, घर छोड़कर भागे पुरुष
गैंगस्टर विकास दुबे (vikas dubey) का कानपुर स्थित (kanpur encounter) अपने गांव बिकरू में आतंक था। गुरुवार रात को 8 पुलिसकर्मियों की शहादत के बाद लोग अपने-अपने घरों में दुबके बैठे हैं। पूरा गांव छावनी में तब्दील हो गया है, चारों तरफ सिर्फ पुलिस ही पुलिस दिख रही है। सबसे ज्यादा हैरान करने वाली बात यह है कि एक भी ग्रामीण विकास दुबे के खिलाफ बोलने को तैयार नहीं है।
गुरुवार देररात बिल्हौर के सीओ देवेंद्र मिश्रा के नेतृत्व में पुलिस की एक टीम बिकरू में हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे के घर दबिश देने गई थी। यहां पहुंचकर पुलिस टीम संभल पाती, पहले से घात लगाए गैंगस्टर विकास दुबे ने अपने साथियों के साथ मिलकर पुलिस टीम पर फायरिंग कर दी।
घटना में सीओ समेत 8 पुलिसकर्मी शहीद हो गए। इस घटना के बाद पुलिस विभाग में हड़कंप मच गया है। शुक्रवार सुबह पुलिस की जंगल में छिपे बदमाशों से मुठभेड़ हो गई, जिसमें पुलिस ने दो बदमाशों को मार गिराया है।
लोकसभा चुनाव हो या फिर विधानसभा या निकाय चुनाव, जिस भी पार्टी के प्रत्याशी को बिकरू गांव का वोट चाहिए होता था वह पहले विकास दुबे के किलेनुमा घर में दस्तक देता था। इसके बाद विकास दुबे जिस पार्टी को वोट देने के लिए ग्रामीणों को कहता था, ग्रामीण उसी ही पार्टी को वोट करते थे। राजनीतिक पार्टियों ने विकास दुबे के हाथों को सबसे ज्यादा मजबूत किया।
https://navbharattimes.indiatimes.com/state/uttar-pradesh/kanpur/streets-of-vikas-dubeys-bikru-village-in-kanpur-goes-empty-after-8-policemen-died-here-last-night/articleshow/76766842.cms
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